सीएसआर प्रमुख फोकस क्षेत्र

उच्चतर शिक्षा को बढ़ावा देना : स्कॉलरशिप कार्यक्रम

वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान एमएमएफएसएल ने एक स्कॉलरशिप कार्यक्रम आरम्भ किया, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं तक उच्च शिक्षा पहुंचाई जा सके।प्रोजेक्ट विवरण नीचे दिया गया है:

  • उद्देश्य: एमएमएफएसएल के स्कॉलरशिप कार्यक्रम का उद्देश्य यह है कि पोस्ट ग्रेजुएट और अंडर ग्रेजुएट विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप प्रदान की सके। इस स्कॉलरशिप के अन्तर्गत भारत के लगभग समी राज्यों में स्थित महाविद्यालयों में अध्ययन करने के लिए पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थियों को रु 25,000 तथा ग्रेजुएट विद्यार्थियों को रु. 10,000 दिए जाएँगे ।

  • प्रोजेक्ट की अवधि: जुलाई से जनवरी

  • बेनिफिसयरीज:यह स्कॉलरशिप ग्रामीण भारत के गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली छात्रों को दी जाएगी । एमएमएफएसएल ने प्रति वर्ष रु 2 लाख से कम आय वाले घरों को लक्ष्य किया हुआ है।.

- डायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: पूर्वस्नातक एवं परास्नातक विद्यार्थी।

- इनडायरेक्ट बेनेफेशियारीज़:विद्यार्थियों के परिवार

  • बेनिफिसयरीज की कुल संख्या: महिंद्रा फायनांस स्कॉलरशिप कार्यक्रम ने महाविद्यालय जाने वाले 8700 से अधिक व्यक्तियों को उच्च शिक्षा पूरी करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

  • कार्यक्रम का स्थान:महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, गुजरात एवं राजस्थान।

हुनर: कौशल निर्माण एवं व्यवसायिक ट्रेनिंग को बढ़ावा देना

एमएमएफएसएल वित्त सम्बन्धित कौशल युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए परियोजना को अपना समर्थन देता है। एमएमएफएसएल ने विद्यार्थियों को पढ़ाए जाने वाले मॉड्यूल की विषय सामग्री परिभाषित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

  • उद्देश्य: एमएमएफएसएल इस परियोजना के लिए हायर-ट्रेन-डिप्लॉय (एचटीडी) मॉडल के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के बेरोजगार युवाओं को ऐसे कौशल का प्रशिक्षण देने का उद्देश्य रखती है, जिससे उन्हें उस क्षेत्र में प्रवेश स्तर के पदों पर रोजगार मिल सके।

  • परियोजना की समयरेखा:जुलाई से जनवरी

  • बेनिफिसयरीज:

    - डायरेक्ट बेनिफिसयरीज: ग्रामीण भारत के अकुशल युवा, जो रोजगार पाना चाहते हैं।

    - इनडायरेक्ट बेनिफिसयरीज: युवाओं के समुदाय एवं परिवार

  • बेनिफिसयरीज की कुल संख्या: 2200 से अधिक बेरोजगार, अकुशल युवा, जिन्हें वित्तीय कौशल ट्रेनिंग दी गई। उनमें से 1122 को प्रमाणित किया गया था, तथा 600 से अधिक युवाओं को बीएफएसआई इंडस्ट्री में प्रवेश स्तर की नौकरी मिल गई थी।

  • स्थान: उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश तथा पंजाब ।

हुनर: महिलाओं के लिए अनोखे प्रोजेक्ट

एमएमएफएसएल ने 2015-16 में एक अद्वितीय परियोजना का समर्थन किया, जिसमें कमज़ोर परिवारों की अकुशल महिलाओं को प्रोफेशनल ड्राइवर का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस परियोजना की अधिक जानकारी नीचे दी गयी है :

  • उद्देश्य: महिलाओं के रोजगार कार्यक्रम ऐसी गतिविधियों से जड़ी है जिन्हें वे पारम्परिक रूप से करती हैं, जैसे कि खाना बनाना, सिलाई आदि। एमएमएफएसएल ने एक परियोजना का उत्तरदायित्व लेने का निर्णय लिया, जिसका उद्देश्य महिलाओं को कमाने के गैर-पारम्परिक माध्यम सिखाना था, उनके पास उपलब्ध अवसरों को बढ़ाना, तथा उन्हें रोजगार हासिल करने में सक्षम बनाना था। एमएमएफएसएल ने महिलाओं के सशक्तीकरण को एक महत्वपूर्ण क्षेत्र मसझा, और इसलिए इसे बढ़ावा देने का निर्णय लिया। इस परियोजना को दो गैर सरकारी संगठनों के ज़रिये कार्यरत किया गया था, इनमे नाम हैं - एसोसिएशन फॉर नॉन-ट्रेडिशनल एम्पलॉयमेन्ट फॉर वीमेन (एएनईडब्ल्यू) तथा आजाद फाउंडेशन।

  • प्रोजेक्ट की अवधि: जनवरी से दिसम्बर

  • बेनेफेशियारीज़:

    - डायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: संसाधन-हीन पृष्ठभूमि वाली कम पढ़ी लिखी महिलाओं को ड्राइवर की ट्रेनिंग दी जा रही है।

    - इनडायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: महिलाओं के परिवार तथा समुदाय, जिसमें वे रहती हैं।

  • बेनेफेशियारीज़ की समग्र संख्या: इसमें 450 से अधिक महिलाओं को नामांकित किया गया था। उनमें से 210 महिलाओं ने स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस हासिल किया, तथा 110 से अधिक महिलाएं प्रोफेशनल ड्राइवर के रूप में काम कर रही हैं।

  • स्थान: मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, एवं तमिलनाडु ।

हुनर: नि:शक्त व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) का कौशल ट्रेनिंग

एमएमएफएसएल ने सार्थक एजूकेशन ट्रस्ट के साथ मिलकर भोपाल, मध्य प्रदेश में एक कौशल आधारित ट्रेनिंग केन्द्र आरम्भ किया, जहां नि:शक्त युवाओं को विभिन्न प्रकार के अहिद्वतीय कौशल निर्माण अनुभव प्रदान किए जाते हैं, जिसमें नेतृत्व, सामाजिक, संचार, कम्प्यूटर एवं बुनियादी जीवन ट्रेनिंग शामिल है।

18 से 30 वर्ष तक की उम्र वाले युवाओं को यह 3 महीने का ट्रेनिंग कार्यक्रम मुख्य रूप से 3 क्षेत्रों में दिया गया — आईटी-आईटीईएस, पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी, संगठित खुदरा एवं बैंकिंग, तथा वित्तीय साक्षरता।

ट्रेनिंग कार्यक्रम को पूर्ण करने के बाद समर्पित नियोजन टीम ने जॉब फेयर, रोजगार प्रयास, साक्षात्कार प्रयास आदि आयोजित करने के द्वारा सुनिश्चित किया कि अलग-अलग जॉब प्रोफाइल वाले उम्मीदवारों को विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी मिले, जैसे कि - पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी, खुदरा रिटेल, एवं आईटी-आईटीईएस।

  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य यह था कि उम्मीदवारों को कार्य करने के लिए योग्य एवं कुशल बनाया जाए, और जॉब मैपिंग ड्राइव आयोजित करने के द्वारा विभिन्न इंडस्ट्रीज में नि:शक्त व्यक्तियों के कुशल वर्कफोर्स की मांग का सृजन किया जाए।

  • प्रोजेक्ट की अवधि: सितम्बर से अक्टूबर

  • बेनेफेशियारीज़:

    - डायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: ग्रामीण भारत के नि:शक्त व्यक्ति, जो रोजगार पाना चाहते हैं।

    - इनडायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: नि:शक्त वयक्तियों के समुदाय एवं परिवार

  • बेनेफेशियारीज़ की कुल संख्या: लगभग 200 नि:शक्त व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया, जिसमें से 92 उम्मीदवारों को रोजगार मिला।

  • स्थान: भोपाल, मध्य प्रदेश

वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना: गो कैशलेश

एमएमएफएसएल ने ज्ञान सामग्रियां बाटीं, जैसे कि क्षेत्रीय भाषाओं में लीफलेट एवं पोस्टर, तथा लीफलेट को बाँटने या पोस्टर प्रदर्शित करने से पहले उनकी सामग्रियों के बारे में समझाया भी गया।

  • उद्देश्य: रोजगार, आर्थिक वृद्धि एवं निर्धनता घटाने के लिए ग्रामीण जनसंखया तक वित्त की उचित पहुंच एक प्रमुख आवश्यकता है। नोटबंदी ने लोगों की बैंकिंग एवं लेनदेन के तौर तरीके से बदल दिया है - अब वे नकदी के बजाय कैशलेस / स्मार्ट मनी का प्रयोग करने लगे हैं। इसलिए वित्तीय लेनदेन निष्पादित करने के लिए कैशलेस तरीकों को अपनाना जरूरी है, ताकि विभिन्न कैशलेश तरीकों के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान की जा सके।

  • बेनेफेशियारीज़:

    - डायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: अर्द्ध शहरी एवं ग्रामीण समुदायों के लोग।

    - इनडायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: हितधारक जैसे कि ग्राहक, आपूर्तिकर्ता, विक्रेता, पार्टनर एवं कर्मचारी।

  • बेनेफेशियारीज़ की कुल संख्या:एमएमएफएसएल ने 7 राज्यों में गो कैशलेस परियोजना को क्रियान्वित किया है।

  • स्थान: महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश।

शैक्षणिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना: ज्ञानदीप - म्युनिसिपल विद्यालयों में विजिट

एमएमएफएसएल ने ऐसी पहल की हैं, जिसमें नगर-निगम विद्यालयों की बुनियादी आवश्यकताओं को बेहतर बनाने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। चूंकि नगर-निगम विद्यालय शिक्षा प्रदान करने वाले प्रमुख संस्थान हैं, इसलिए उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्हें मजबूत बनाना अति आवश्यक है। एमएमएफएसएल कर्मचारी विभिन्न नगर-निगम विद्यालयों में गए, और वहां पर स्कूल बैग, पानी की बोतल, पानी की टंकी, चादरें, कंबल, गर्म कपड़े, स्टेशनरी, वॉटर प्योरीफायर, मीठे फल, तथा विद्यार्थियों के लिए अन्य जरूरी वस्तुओं को उपहार के रूप में दिया। उन्होंने विद्यार्थियों के लिए गेम, चित्रकल प्रतियोगिता आदि भी आयोजित किया।

  • उद्देश्य: एमएमएफएसएल का उद्देश्य है कि असहाय बच्चों को शिक्षा प्रदान करने वाले विद्यालयों में बुनियादी सेवाओं को सुदृढ़ बनाने में सहायता की जाए। एमएमएफएसएल इन गतिविधियों के माध्यम से अपने कर्मचारियों को इन बातों के प्रति भी जागृत करना चाहता है कि असहाय वर्ग के लोग किन कारणों के चलते गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।

  • प्रोजेक्ट की अवधि: प्रत्येक वर्ष जून से जनवरी

  • बेनेफेशियारीज़: हमने सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में विजिट का आयोजन किया, जैसे कि नगर-निगम विद्यालय, या जिला परिषद विद्यालया या किसी गैर सरकारी संगठन द्वारा चलाया जाने वाला विद्यालय, और वहां पर विद्यार्थियों के साथ संवाद किया गया।

  • बेनेफेशियारीज़ की कुल संख्या: एमएमएफएसएल ने 19,500 विद्यार्थियों से सम्पर्क किया।

  • स्थान:समग्र भारत

स्वास्थ्य जांच कैम्प

MMFSL ने भारत के वंचित वर्गों के लिए भारत भर में मधुमेह, ऑस्टियोपोरोसिस और आई स्क्रीनिंग के निदान और उपचार के लिए मुफ्त स्वास्थ्य शिविरों/कैम्पस का आयोजन किया और परीक्षा के बाद आवश्यकतानुसार ऐसी दवाओं प्रदान किया। कैम्प का आयोजन उच्च योग्य और अनुभवी डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों के एक समूह द्वारा किया।.

  • उद्देश्‍य: एमएमएफएसएल द्वारा शुरू किए गए स्वास्थ्य सेवा शिविरों का उद्देश्य ग्रामीण आबादी को गुणवत्ता, स्वास्थ्य सेवा मुफ्त पहुंच प्रदान करना.

  • प्रोजेक्ट की अवधि:: प्रत्‍येक वर्ष जून से जनवरी।

  • लाभार्थी:

    - डायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: मधुमेह, ऑबेनेफेस्टियोपोरोसिस, नेत्र विकार आदि से पीड़ित ग्रामीण क्षेत्रों के लोग।

    - इनडायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: समाज और उनके परिवार इस बीमारी से पीड़ित हैं।.

  • बेनेफेशियारीज़ की कुल संख्या: MMFSL 15,000 लाभार्थियों तक पहुंच गई है।

  • स्थान: पूरे भारत में

पिछले चार वर्षों से, MMFSL लाइफलाइन एक्सप्रेस इस अनूठी परियोजना का समर्थन कर रही है, जो देश के दूरदराज के जिलों में रेल द्वारा चिकित्सा सेवाएं प्रदान करती है। लाइफलाइन एक्सप्रेस ग्रामीण क्षेत्रों में शारीरिक अक्षमता वाले लोगों को गुणवत्ता देखभाल प्रदान करता है। जहां इस तरह की सुविधाएं बेहद सीमित है और गुणवत्ता में गिरावट आई हो । इस सुविधा के अनुसार सर्जरी द्वारा फटे होंठ, कान, आंखें, मिर्गी, दांतों की कमजोरी आदि की जानकारी दी जाती है।.

  • उद्देश्य: ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण पुरानी विकलांगता को दूर करने के लिए कोई आसान सर्जरी नहीं थी। लाइफटाइम एक्सप्रेस ने इस मुद्दे को संबोधित किया। शारीरिक विकलांग लोगों के लिए निवारक और चिकित्सा देखभाल प्रदान की।

  • प्रोजेक्ट की अवधि:वित्तीय वर्ष में 6 महीने

  • बेनेफेशियारीज़:

    -डायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: ग्रामीण आबादी जिनके लिए चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच एक चुनौती है, विशेष रूप से सर्जिकल उपचार।

    - इनडायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: ऐसे परिवार जिन में विकलांगता है और उन्हें सर्जिकल उपचार की आवश्यकता है।

  • बेनेफेशियारीज़ की कुल संख्या: पिछले तीन लाइफटाइम एक्सप्रेस परियोजनाओं के माध्यम से, एमएमएफएसएल २०३०० से अधिक बेनेफेशियारीज़ तक पहुंच गया है। उनमें से कई को अंधापन, ऑडियो, क्लेफ्ट होंट, दांत की समस्या, मिर्गी, और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज मिला।

  • स्थान:महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश

जीवन दान: रक्तदान कैम्प

लाइफस्टाइल, रक्तदान महिंद्रा फाइनेंस के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक है। हर साल, एफएसएस सीएसआर दिवस को वित्तीय सेवा क्षेत्र (एफएसएस) के लिए स्थापना दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। महिंद्रा फाइनेंस अपने कार्यालय में एक राष्ट्रीय स्तर पर रक्तदान शिविर चलाता है।

  • उद्देश्य: जरूरतमंद लोगों के लिए रक्त की उपलब्धता में सुधार के लिए रक्तदान कैम्प आयोजित करना, खासकर भारत के ग्रामीण भाग में। इसने एमएमएफएसएल कर्मचारियों को ग्रामीण भारत के सामने आने वाली समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाने और उनके सामने आने वाली स्थितियों को सुधारने में योगदान देने में सक्षम बनाना भी शामिल है।

  • प्रोजेक्ट की अवधि:अक्टूबर का पहला सप्ताह

  • बेनेफेशियारीज़ :

    -डायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: ग्रामीण इलाकों में ब्लड बैंक जहां आबादी के लिए रक्तदान की आसान पहुंच नहीं है।.

    - इनडायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: ग्रामीण समुदाय जिनकी रक्तदान तक पहुंच कम है।

  • बेनेफेशियारीज़ की कुल संख्या: इस ड्राइव के माध्यम से 15,528 यूनिट रक्त दान किया गया। इस गतिविधि में कुल 26,782 वालंटियर्स ने भाग लिया।

  • स्थान :पूरे भारत में

एम्ब्युलेंस डोनेशन प्रोजेक्ट

वित्तीय वर्ष 2014-15 से, एमएमएफएसएल ने इन क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में एम्बुलेंस दान किया।

  • उद्देश्य: एम्ब्युलेंस डोनेशन का उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में अस्पताल को मरीजों के लिए सुलभ बनाने और चिकित्सा देखभाल जल्द से जल्द प्रदान कराना है ।

  • प्रोजेक्ट की अवधि: जुलाई से दिसंबर

  • बेनेफेशियारीज़:

    - डायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल / गैर सरकारी संगठन जो आबादी के गरीब और कमजोर वर्गों की सेवा करते हैं और उन्हें कम लागत वाला चिकित्सा उपचार प्रदान करते हैं।

    - इनडायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: ऐसे समुदाय जिन को सस्ती चिकित्सा उपचार की आवश्यकता है।

  • बेनेफेशियारीज़ की कुल संख्या : पूरे भारत में विभिन्न गैर सरकारी संगठनों को अब तक 47 एम्बुलेंस दान किए गए हैं। एम्बुलेंस दान कार्यक्रम ने 1,11,500 से अधिक लाभार्थियों को प्रभावित किया है।

  • स्थान: महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश

मेडिकल उपकरण डोनेशन

अधिकतर अस्पतालों में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर खराब है, जो देश में ज़्यादातर जनसंख्या को सेवा पर्दान करता है। महिंद्रा फायनांस ने वित्त वर्ष 2015-16 में मेडिकल उपकरण डोनेशन प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से, महिंद्रा फायनांस ने भारत के परिवार नियोजन संघ की क्षेत्रीय शाखाओं में यूएसजी मशीन्स, फोल्डिंग गाइनेकोलॉजिकल टेबल्स, कोलपोस्कोप्स जैसे कैपिटल इंटेंसिव उपकरणों का दान किया। दान किए गए उपकरण एक ही स्थान पर रोगियों के लिए उपलब्ध रियायती सुविधाओं की संख्या में वृद्धि करके क्लीनिक में सकारात्मक बदलाव लाते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों के सुस्थापित रक्त बैंकों में केन्द्रीय स्थापना के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचे की खरीद करके थैलेसीमिया डे केयर सेंटर स्थापित करने के लिए थिंक फाउंडेशन का हम आर्थिक रूप से समर्थन भी करते हैं इसके अतिरिक्त, मौजूदा केंद्रों के लिए, हम थैलासेमिक बच्चों के हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने में मदद करने के लिए आयरन केलेशन टैबलेट जैसी दवा भी प्रदान करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित डे केयर सेंटर उन लाभार्थियों को नियमित देखभाल, सहायता और सलाह प्रदान करते हैं जो कभी-कभी यहां सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करते हैं। इस परियोजना के कारण, ऐसे बच्चों के बचने की संभावना 6 वर्ष से अधिक है।

  • उद्देश्य: ग्रामीण भारत में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना और वंचित ग्रामीण आबादी को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना

  • प्रोजेक्ट की अवधि: जनवरी से दिसंबर

  • बेनेफेशियारीज़:

    - डायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: ग्रामीण भारत के लोग जो बुनियादी चिकित्सा सेवाएं प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं।

    - इनडायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: उन लोगों के परिवार जो इस उपकरण के माध्यम से बुनियादी चिकित्सा सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं।

  • बेनेफेशियारीज़ की कुल संख्या: चिकित्सा उपकरण दान कार्यक्रम के तहत दोनों पहलों ने अब तक 3,00,000 से अधिक व्यक्तियों को फायदा पहुँचाया है।

  • स्थान: हरियाणा, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात

मदर एंड चाइल्ड हेल्थ प्रोजेक्ट (एमसीएच)

झारखंड, महाराष्ट्र और उड़ीसा में स्थित सिंहभूम, पालघर / भिवंडी और भुवनेश्वर के 30 ज़रुरतमंद गाँवों में न्यूट्रीशन सप्लीमेंट के माध्यम से MMFSL F ने FPA इंडिया के साथ मिलकर मातृ और बाल स्वास्थ्य में सुधार लाया गया।

  • उद्देश्य: किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, नर्सिंग माताओं और पांच साल से कम उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति में सुधार करके मातृ और बाल स्वास्थ्य में सुधार करना, विशेष रूप से गरीब और कमजोर आबादी के बीच मातृ और शिशु मृत्यु दर और रुग्णता को कम करने के लिए और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना।

  • प्रोजेक्ट की अवधि: अगस्त से सितंबर

  • बेनेफेशियारीज़:

    - डायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: परियोजना में 15000 गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, 6 साल से कम उम्र के 18000 बच्चों, 15000 किशोर लड़कियों और लड़कों की निरीक्षण किया गया। दो साल के भीतर, तीन लाख लोगों को उनकी माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया गया है।

    - इनडायरेक्ट बेनेफेशियारीज़: डायरेक्ट बेनेफेशियारीज़ के परिवार वाले

  • बेनेफेशियारीज़ की कुल संख्या: 11,263 से अधिक लोग; इनमें से, 9,569 (78.17%) लोगों को परियोजना के लिए निरीक्षण किया गया। और एमसीएच सेवाएं प्राप्त हुईं।

  • स्थान: झारखंड, महाराष्ट्र और उड़ीसा

स्वच्छ भारत अभियान: स्वच्छता अभियान

स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर, 2014 को नई दिल्ली के राजघाट पर किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत को स्वच्छ बनाना था। इसका लक्ष्य 2 अक्टूबर, 2019 तक सभी को शौचालय, ठोस और तरल कूड़ा निपटान व्यवस्था जैसी स्वच्छता सुविधाएँ प्रदान करना है, साथ ही हर घर और गाँव की समग्र स्वच्छता के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पीने का पानी उपलब्ध कराना है। यह हमारे प्यारे राष्ट्रपिता को उनकी 150 वीं जयंती पर एक श्रद्धांजलि होगी। यह इतना महत्वपूर्ण है कि अभियान को सफल बनाने में खुद पीएम बहुत सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं; राजघाट पर उन्होंने खुद सड़क की सफाई कर अभियान की शुरुआत की। हालांकि, यह स्पष्ट रूप से घोषित किया गया है कि अभियान केवल सरकार का कर्तव्य नहीं है। स्वच्छ भारत के विचार को सच कर दिखने हेतु, देश को स्वच्छ रखना देश के हर नागरिक समान रूप से जिम्मेदारी है ।

  • उद्देश्य:

    - व्यवहार परिवर्तन लाकर लोगों को स्वस्थ स्वच्छता प्रथाओं के बारे में जागरूक करना। सामुदायिक स्तर पर कचरे को निपटाने के लिए आवश्यक व्यवस्था प्रदान करना।

    - सामुदायिक स्तर पर कचरे का निपटान करने के लिए आवश्यक व्यवस्था प्रदान करना.

  • प्रोजेक्ट की अवधि: जून से जनवरी

  • स्‍थान:पूरे भारत में

प्रोजेक्ट हरियाली : पेड़ लगाना की गतिविधि/ वृक्षारोपण गतिविधि

एमएमएफएसएल पर्यावरण की रक्षा के उद्देश्य से वृक्षारोपण गतिविधि कर रहा है। पौधों को कॉलेजों / स्कूलों / अनाथालयों के परिसरों में लगाया गया जहां समुदाय ने जिम्मेदार समझी और लगाए गए पौधों की देखभाल की

  • उद्देश्य: MMFSL ग्रामीण और शहरी इलाकों में हरियाली को बढ़ाने में मदद करके बड़े पैमाने पर वनों की कटाई के प्रभाव को कम करने का इरादा रखता है। MMFSL का उद्देश्य देश को प्रभावित करने वाले पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें MMFSL के मिशन के साथ जोड़ने के लिए सक्रिय कर्मचारी के जुड़ने को बढ़ावा देना है।

  • बेनेफेशियारीज़ : स्कूल, सरकार और समुदाय।

  • बेनेफेशियारीज़ की कुल संख्या: हर साल जून से सितंबर

  • लगाए गए पौधों की संचयी संख्या: MMFSL के कर्मचारियों ने 6,58,000 से अधिक पौधे लगाए।

  • स्थान: पूरे भारत में

समन्तर: बुजुर्गों, विकलांगों और अनाथ की सहायता करना

MMFSL इसे समुदाय के उन वर्गों का समर्थन करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल मानता है जो उपेक्षित और बड़े पैमाने पर अनदेखी हैं।

क) ए) विकलांगों के लिए अनाथालय / वृद्धाश्रम / घर का दौरा
MMFSL ने अपने कर्मचारियों के लिए अनाथालयों, वृद्धाश्रमों और विकलांगों के घरों के लिए यात्राओं का आयोजन किया। इस गतिविधि का उद्देश्य अनाथों, बूड़े और विकलांग लोगों की समस्याओं के बारे में अपने कर्मचारियों को जागरूक करना है, जिन्हें अक्सर बड़े समाज द्वारा अनदेखा किया जाता है। एमएमएफएसएल की रीजनल सीएसआर टीम ने इस विजिट से पहले एक आवश्यकता मूल्यांकन किया।

  • उद्देश्य:एमएमएफएसएल ने इस गतिविधि को विकलांगों के लिए अनाथालयों, वृद्धाश्रमों और घरों की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने में मदद करने के लिए किया है। इस गतिविधि का उद्देश्य अनाथों, बूड़े और विकलांग लोगों की समस्याओं के बारे में अपने कर्मचारियों को जागरूक करना है, जिन्हें अक्सर बड़े समाज द्वारा अनदेखा किया जाता है।

  • प्रोजेक्ट की अवधि: जून से जनवरी

  • बेनेफेशियारीज़ : MMFSL अनाथों, बूड़े और विकलांग लोगों के साथ काम करके समाज के उपेक्षित वर्गों को अपना समर्थन देने का इरादा रखता है

  • बेनेफेशियारीज़ की कुल संख्या: MMFSL 4466 बच्चों और 1290 बुजुर्गों की सहायता कर चूका है।

  • स्‍थान: पूरे भारत में

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